UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 17 रानी अवंती बाई (महान व्यक्तित्व)

By | May 25, 2022

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 17 रानी अवंती बाई (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 17 रानी अवंती बाई (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

रानी अवंती बाई का जन्म 16 अगस्त, 1831 को मदकेहनी, जिला-सिवनी, मध्य प्रदेश में हुआ था। इनके पिता राव जुझार सिंह मनकेहनी के जमींदार थे। अवंतजी बाई को बचपन से ही घुड़सवारी तथा तलवारबाजी का शौक था। लोग अवंती बाई की घुड़सवारी और तलवार बाजी देखकर आश्चर्यचकित हो जाते थे। विवाह योग्य होने पर पिता जुझार सिंह ने अवंती बाई का विवाह राम के राजा लक्ष्मण सिंह के सुपुत्र राजकुमार विक्रमादित्य से कर दिया। सन् 1850 में विक्रमादित्य पिता की मृत्यु के बाद रामगढ़ के राजा बने। इनके रानी अवंती बाई से दो पुत्र हुए। अमान सिंह और शेर सिंह। कुछ समय बाद राजा विक्रमादित्य बीमार रहने लगे।

दोनों पुत्र अभी छोटे थे अतः राज्य की देख-रेख का जिम्मा अवंती बाई पर आ गया। उस समय लार्ड उलहौजी भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का गर्वनर जनरल था। जब उसे राजा विक्रमादित्य के बीमारी का पता चला तो उसने रामगढ़ रियासत को कोर्ट ऑफ , बाईस’ के अधीन कर लिया तथा रामगढ़ के राजपरिवार को पेंशन दे दी। वह बात अवंती बाई को बहुत बुरी लगी। दुर्भाग्य से मई 1857 में राजा विक्रमादित्य का निधन हो गया। अब सारी जिम्मेदारी अवंती बाई पर आ गया। तभी 1857 में देश में स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजा। मौका देखकर अवंती बाई ने आस-पास के सभी राजा और जमींदारों से गुप्त रूप से सर्पक किया। तमाम देश भक्त राजाओं और जमींदारों ने ब्रिटिश शासन के विरूद्ध विद्रोह कर दिया। सर्वत्र क्रांति की ज्याला फैल गई।

रानी अवंती बाई ने अपने राज्य से ‘कोर्ट ऑफ वास’ के अधिकारियों को खदेड़ दिया तथा क्रांति की बागडोर अपने हाथों में ले ली। इस समय वीरांगना अवंती बाई मध्य भारत की क्रांति का प्रमुख चेहरा बन चुकी थी। विद्रोह की सूचना से जबलपुर का कमिश्नर इस्काइन आग बबूला हो गया। मध्य भारत के विद्रोही रानी अवंती के साथ थे। रानी ने हमला करके घुघरी, रामनगर, बिदिया आदि क्षेत्रों से ब्रिटिश राज्य का सफाया कर दिया। इसके पश्चात रानी ने मंडला पर हमला करके ब्रिटिश सेना को धूल चटा दी। इस हार से मंडला का कमिश्नर तिलमिला गया तथा अवंती बाई को सबक सिखाने के लिए भारी ब्रिटिश सेना के साथ रामगढ़ के किले पर हमला कर दिया। उधर रानी को इस हमले तथा भारी संख्या में ब्रिटिश सेना के आने की सूचना मिल चुकी थी अतः उन्होंने अपनी के साथ अपने राज्य के देवहार गढ़ की पहाड़ी पर चढ़ कर मोर्चा संभाल लिया। ब्रिटिश सेना रामगढ़ के किले को ध्वस्त करने के बाद रानी अवंति की तलास में गुप्त सूचना मिलने पर देवहार गढ़ की पहाड़ियों को घेर लिया तथा रानी के पास आत्म समर्पण का संदेश भिजवाया।

रानी ने ब्रिटिश सेना को ललकारते हुए आत्म सर्मपण का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और संदेश भेजा कि मैं युद्ध भूमि में लड़ते-लड़ते प्राण त्याग देंगी लेकिन हथियार नहीं डालूंगी। कई दिनों तक युद्ध होता रहा। लेकिन रानी की सेना ब्रिटिश सेना के मुकाबले छोटी थी अतः धीरे-धीरे रानी के सैनिक काफी कम हो गए और युद्ध के दौरान रानी के बाएँ हाथ में गोली लग गई और उनकी बन्दूकं छूटकर नीचे गिर गई। निहत्थी रानी को अंग्रेजों ने घेर लिया। चारों ओर से। खुद को घिरा देखकर अवंती बाई ने खुद की तलवार से खुद ही अपने प्राणों की आहुति दे दी। इनका बलिदान सदैव देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1.
अवंती के जन्म पर उनके पिता राव जुझार सिंह ने किस प्रकार खुज़ियाँ मनाई ?
उत्तर :
अवंती बाई के जन्म पर जमींदार जुझार सिंह के यहाँ उत्सव का माहौल था। बधाइयों और शुभकामनाओं के बीच मिठाइयाँ बांटी जार ही थीं। ढोल-बाजे बजे रहे थे। माता-पिता बिटिया को पाकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।

प्रश्न 2.
अवंती बाई का विवाह कब और किसके साथ हुआ ?
उत्तर :
अवंती बाई का विवाह रामगढ़ के राजा लक्ष्मण सिंह के सुपुत्र राजकुमार विक्रमादित्य के साथ हुआ।

प्रश्न 3.
अवंती बाई ने सन् 1857 में स्वतंत्रता संग्राम के समय आस-पास के राजाओं को क्या संदेश भेजा?
उत्तर :
सन् 1857 में स्वतंत्रता संग्राम के समय रानी अवंती ने आस-पास के राजाओं को संदेश भेजा कि, ‘देश की रक्षा के लिए कमर कसो या चूड़ी पहनकर घर में बैठो।’

प्रश्न 4.
रानी अवंती बाई ने अंग्रेजों के आत्मसमर्पण के संदेश को अस्वीकार कर दिया। इससे रानी की किस विशेषता को पता चलता है?
उत्तर :
इससे रानी की राष्ट्र भक्ति, जझारूपन, बहादुरी उनके स्वाभिमानी होने तथा उनके शौर्य का पता चलता है।

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