UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 धानों का गीत (मंजरी)

By | May 24, 2022

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 धानों का गीत (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 धानों का गीत (मंजरी)

 

समस्त पद्याशों का भावार्थ

धान उगेंगे……………………………………………………………………… बादल जरूर।
संदर्भ-प्रस्तुत गीत हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के संकलित पाठ ‘धानों का गीत’ नामक गीत से उद्धृत है। यह गीत लेखक केदारनाथ सिंह द्वारा रचित है।
प्रसंग-प्रस्तुत गीत में किसान की तान में सुर मिलाकर धान, चाँदनी एवं गाँव के विश्वास को बड़ी ही सरलता से प्रस्तुत किया गया है। कवि ग्रामीण परिवेश के अन्तर्गत किसान के स्वर में बादल को स्वागत करता है।
भावार्थ-लहलहाते धान के खेतों को देखकर किसान प्रसन्न हो जाता है और कहता है कि उसके खेतों में धान होंगे जिनके लिए वर्षा की, पानी की जरूरत होने के कारण बादलों को आने का निमन्त्रण देता है।  चन्द्रमा धान की कोमल बालियों पर चाँदनी छिटकाएगा और सूरज सूखी रेत पर प्रकाशित होगा। वर्षा होने के कारण खेत से आगे रास्ते खाली होंगे और बसों के पेड़ झुके दिखाई देंगे। संध्या समय नमी से आँखें गीली होंगी और सवेरे खेतों में धान लहराता नजर आएगा, जिसके लिए बादलों को आने को निमन्त्रण दिया जा रहा है, ताकि वर्षा हो। .

धान कैंपेंगे …………………………………………………………………….. बादल जरूर।
संदर्भ एव प्रसंग-पूर्ववत्।
भावार्थ-किसान खेत में हिलते हुए धान को देखकर प्रसन्न होकर कहता है कि (हवा चलने पर) धान हिलने लगेंगे। पानी की जरूरत पूरी करने के लिए बादलों को अनिवार्य आगमन को निमन्त्रण देता है। धूपं ढलने पर तुलसी के पौधे हिलने लगेंगे और संध्या समय कनेर के फूल खिल उठेंगे और ज्वार तथा धान की लहलहाती फसलें हिलती  नजर आएँगी। फसलों की पानी की जरूरत पूरी करने के लिए किसान बादलों को अनिवार्य रूप से आने का निमन्त्रण देता है और कहता है कि फसल उनके खेतों में पक जाएगी।

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-        नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना-    नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

गीत से-
प्रश्न 1.
बादल को स्वागत कौन-कौन और कब-कब कर रहे हैं?
उत्तर-
बादल का स्वागत किसान भोर (सुबह), धूप ढले, साँझ, पूजा की बेला आदि पर कर रहे हैं।

प्रश्न 2.
पंक्तियों के भावार्थ स्पष्ट कीजिए
(क) चंदा को बाँचेंगे कच्ची कलगियों, सूरज को सूखी रेत में।
भावार्थ-चन्द्रमा की चाँदनी धान की कोमल बालियों पर और सूरज सूखे रेत में प्रकाशित होगा।
(ख) संझा पुकारेंगी गीली आँखड़ियाँ भोर हुए धन-खेत।
भावार्थ-संध्या समय नमी से आँखें गीली होंगी और सुबह खेत दिखाई देंगे।
(ग) पूजा की बेला में ज्वार अरेंगे, धान-दिये की बेर।
भावार्थ-प्रात:काल में ज्वार और रात्रि में धान के खेत लहराएँगे।

प्रश्न 3.
धान को प्रान क्यों कहा गया है? समझाकर लिखिए।
उत्तर-
धान को प्रान इसलिए कहा गया है क्योंकि संसार में एक बड़ी जनसंख्या के भोजन का आधार चावल ही है।

प्रश्न 4.
धान उगेंगे कि प्रान उगेंगे,
धान कैंपेंगे कि प्रान कैंपेंगे, और
धान पकेंगे कि प्रान पकेंगे- इन तीनों पंक्तियों के भावार्थ की तुलना करते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि ‘उगेंगे’, कैंपेंगे और ‘पकेंगे’ से क्या आशय है?
उत्तर-
धान के उगने, लहलहाने और पक जाने से आशय है।

भाषा की बात-
प्रश्न 1.
जहाँ प्रकृति की वस्तुओं को मानवीय व्यवहार की तरह दिखाया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है, जैसे-संझा पुकारेगी। इसकी तरह कविता में मानवीकरण अलंकार के अन्य उदाहरण हूँढकर लिखिए।
उत्तर-
बादल आना जी, डगरिया पुकारेगी, तुलसी-वन झरेंगे, ज्वार झरेंगे।

प्रश्न 2.
कविता में अनेक तद्भव शब्दों का प्रयोग हुआ है। जैसे- प्रान और चन्दा। इनका तत्सम रूप क्रमशः ‘प्राण’ और ‘चन्द्रमा’ है। कविता में आए अन्य तद्भव शब्दों को छाँटिए तथा उनका तत्सम रूप लिखिए।
उत्तर-
तद्भव                   तत्सम
सूरज                    सूर्य
सूखी                    शुष्क
खेत                     क्षेत्र
साँझ                   संध्या
दिये                    दीपक

 

We hope the UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 धानों का गीत (मंजरी) help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *