UP Board Solutions for Class 9 Home Science प्रैक्टिस सेटस
UP Board Solutions for Class 9 Home Science प्रैक्टिस सेटस
प्रोजेक्ट-1
समस्या कथन:
गृह विज्ञान में समावेश होने वाले विषयों की सूची बनाइए।
प्रस्तावना:
गृह विज्ञान वास्तव में कोई स्वतन्त्र विषय नहीं है, वरन् यह विभिन्न सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों के ऐसे अंशों का समन्वित रूप है, जिनका ज्ञान घर एवं सामाजिक परिवेश के सामान्य क्रियाकलापों में भाग लेने एवं गृहस्थ-जीवन की दैनिक समस्याओं को हल करने हेतु आवश्यक है। इस प्रकार यह स्पष्ट है। कि गृह विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र पर्याप्त विस्तृत है।
उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का उद्देश्य गृह विज्ञान के अन्तर्गत आने वाले अन्य विषयों को सूचीबद्ध करना है। इसका मुख्य लक्ष्य गृह विज्ञान विषय की विभिन्नताओं को एकरूप में दृष्टिगत करते हुए संक्षेप में अध्ययन करना है। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आगमन विधि (Induction Method) का प्रयोग किया गया है।
गृह विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र
प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न
प्रश्न 1:
गृह विज्ञान किस प्रकार का अध्ययन है?
उत्तर:
गृह विज्ञान वह व्यवस्थित अध्ययन है जिसके अन्तर्गत उन सभी विषयों का अध्ययन किया जाता है जो सुखी एवं आदर्श परिवार के निर्माण में सहायक होते हैं।
प्रश्न 2:
गृह विज्ञान की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
गृह विज्ञान न तो शुद्ध विज्ञान है और न ही शुद्ध कला। यह विज्ञान भी है तथा कला भी।
प्रोजेक्ट-2
विषय:
स्वास्थ्य कार्यों में विभिन्न समाज-सेवी संस्थाओं की भूमिका।
परिचय:
जन-स्वास्थ्य को उन्नत बनाना एक अति आवश्यक कार्य है। इसका मुख्य दायित्व राज्य एवं स्थानीय संस्थाओं का है परन्तु विभिन्न समाज-सेवी संस्थाएँ भी इस क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की समाज-सेवी संस्थाएँ सक्रिय हैं जिनमें से कुछ अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएँ हैं। तथा कुछ राष्ट्रीय। विभिन्न क्लब; जैसे-लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, रेडक्रॉस सोसाइटी आदि स्वास्थ्य कार्यों में विशेष योगदान देते हैं। इनके अतिरिक्त विभिन्न धार्मिक एवं जातीय संगठन; जैसे-जैन मिलन, वैश्य समाज, ब्राह्मण सभा, शिरोमणि एकेडमी, पंजाबी संगठन आदि। इनके अतिरिक्त अनेक चैरिटेबल ट्रस्ट भी स्वास्थ्य कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समाज-सेवी संस्थाओं द्वारा किये जाने वाले स्वास्थ्य कार्य
(1) स्वास्थ्य जाँच कार्य:
प्रायः सभी समाज-सेवी संस्थाएँ समय-समय पर आम नागरिकों के स्वास्थ्य के विभिन्न पक्षों की जाँच का कार्य करती हैं। इसके लिए कैम्प या शिविर आयोजित किये जाते हैं। ये शिविर–मधुमेह जाँच, रक्त चाप जाँच, नेत्र-रोग जाँच, दंत-जाँच, हड्डी-जाँच आदि के रूप में आयोजित होते हैं।
(2) टीकाकरण:
विभिन्न समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के लिए सामान्य नियमित टीकाकरण तथा किसी संक्रामक रोग के फैलने पर आकस्मिक टीकाकरण का आयोजन करती हैं।
(3) डिस्पेन्सरी स्थापित करना:
अनेक समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के लिए तथा रोगियों के उपचार के लिए डिस्पेन्सरी या औषधालय स्थापित करती हैं, जहाँ रोगियों का नि:शुल्क अथवा बहुत कम शुल्क पर अच्छा उपचार किया जाता है।
(4) स्वास्थ्य-नियमों की जानकारी प्रदान करना:
प्रायः सभी समाज-सेवी संस्थाएँ ग्रामीण-क्षेत्रों में तथा मलीन बस्तियों में व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य-नियमों की जानकारी प्रदान करने का कार्य करती हैं। इनमें नशाखोरी उन्मूलन, सन्तुलित आहार तथा हर प्रकार की सफाई पर अधिक बल दिया जाता है।
(5) पौष्टिक-आहार वितरण:
बहुत-सी समाज-सेवी संस्थाएँ जन-स्वास्थ्य के स्तर को उन्नत बनाने के लिए ग्रामीण एवं मलीन बस्तियों के क्षेत्र में पौष्टिक आहार के वितरण का कार्य भी करती हैं। इस कार्य के अन्तर्गत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा शिशुओं के लिए पौष्टिक-आहार की व्यवस्था पर अधिक बल दिया जाता है।
(6) रोगों से बचाव सम्बन्धी जानकारी:
बहुत से रोग केवल अज्ञानता के कारण फैलते हैं। अतः समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण को रोगों से बचाव सम्बन्धी जानकारी प्रदान करने का कार्य भी करती हैं। इस प्रकार के मुख्य रोग हैं-संक्रामक रोग तथा अभाव जनित रोग।
(7) पर्यावरण-संरक्षण सम्बन्धी जानकारी:
जन-स्वास्थ्य के स्तर को उन्नत बनाने के लिए पर्यावरण-संरक्षण भी अति आवश्यक है। अत: समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण को पर्यावरण-संरक्षण सम्बन्धी उपयोगी एवं व्यावहारिक जानकारी प्रदान करने का भी कार्य करती हैं।
प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न
प्रश्न 1:
किन्हीं दो अन्तर्राष्ट्रीय समाज-सेवी संस्थाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
लायन्स क्लब तथा रोटरी इण्टरनेशनल दो मुख्य अन्तर्राष्ट्रीय समाज-सेवी संस्थाएँ हैं।
प्रश्न 2:
क्या समाज-सेवी संस्थाएँ निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं?
उत्तर:
हाँसमाज-सेवी संस्थाएँ नि:शुल्क अथवा अतिन्यून शुल्क लेकर उत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं।
प्रश्न 3:
समाज-सेवी संस्थाओं की स्वास्थ्य-कार्यों में प्रमुख भूमिका या योगदान क्या है?
उत्तर:
समाज-सेवी संस्थाएँ जन-साधारण में जन-स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरूकता विकसित करने का कार्य करती हैं।
प्रोजेक्ट-3
विषय:
वायु-प्रदूषण-कारण, प्रभाव तथा रोकथाम।
प्रस्तावना:
वायु में अशुद्धियों एवं हानिकारक तत्त्वों का व्याप्त हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु-प्रदूषण की स्थिति के लिए विभिन्न कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। हर प्रकार के वायु-प्रदूषण को जन-जीवन पर कुछ न कुछ प्रतिकूल प्रभाव अवश्य पड़ता है। वर्तमान औद्योगिक एवं नगरीय परिस्थितियों में वायु प्रदूषण को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता, परन्तु इसकी रोकथाम एवं नियन्त्रण के उपाय अवश्य किये जा सकते हैं।
उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का उद्देश्य वायु प्रदूषण के कारणों, प्रभावों एवं रोकथाम के उपायों का अध्ययन करना है। इसका मुख्य लक्ष्य प्रदूषण की रोकथाम में व्यक्तिगत भूमिका का आकलन करना है, क्योंकि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ ही हैं, इसलिए इसका संरक्षण करना एवं प्रदूषित होने से बचाने की जिम्मेदारी भी मानव मात्र की ही है। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु वर्णनात्मक विधि (Descriptive Method) का प्रयोग किया गया है।
वायु-प्रदूषण-कारण, प्रभाव तथा रोकथाम
प्रोजेक्ट सम्बन्धी मौखिक प्रश्न
प्रश्न 1:
वायु-प्रदूषण से क्या आशय है?
उत्तर:
वायु में हानिकारक तत्त्वों का व्याप्त हो जाना वायु प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 2:
कारखानों की चिमनी से निकलने वाला धुआँ किस प्रकार के प्रदूषण में वृद्धि करता है?
उत्तर:
कारखानों की चिमनी से निकलने वाले धुएँ से वायु-प्रदूषण में वृद्धि होती है।
प्रश्न 3:
वस्तुओं के जलने से कौन-सी गैस बनती है?
उत्तर:
वस्तुओं के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।
प्रश्न 4:
वायु-प्रदूषण को नियन्त्रित करने का मुख्य उपाय क्या है?
उत्तर:
वायु-प्रदूषण को नियन्त्रित करने का मुख्य उपाय है – अधिक से अधिक पेड़ लगाना।
प्रोजेक्ट-4
समस्या कथन:
किशोरावस्था (13 से 18 वर्ष) के लिए एक दिन का सन्तुलित आहार का चार्ट तैयार करना।
प्रस्तावना:
किशोरावस्था में तीव्र शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस अवस्था में पर्याप्त मात्रा में सन्तुलित आहार ग्रहण करना आवश्यक होता है। इस अवस्था में लड़के-लड़की के आहार में भी कुछ अन्तर हो जाता है। किशोरावस्था में आहार में मिर्च-मसालों को अधिक प्रयोग नहीं होना चाहिए तथा खाद्य-सामग्री को अधिक तलना-भूनना भी नहीं चाहिए। इस अवस्था में फास्ट फूड से बचना चाहिए तथा स्वास्थ्यवर्द्धक मध्ये आहार ग्रहण करना चाहिए।
उद्देश्य, लक्ष्य एवं कार्य-प्रणाली:
प्रस्तुत परियोजना कार्य का मुख्य उद्देश्य किशोरावस्था के लिए सन्तुलित आहार का अध्ययन करना है। इसका मुख्य लक्ष्य यह ज्ञात करना है कि किशोरावस्था में सन्तुलित आहार के अन्तर्गत कौन-कौन से भोज्य पदार्थ आते हैं एवं उनका उपयोग समयानुसार कैसे किया जाए। परियोजना कार्य के उद्देश्य एवं लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सारणी के माध्यम से सन्तुलित आहार का अध्ययन करना है।
प्रैक्टिस सेट-1
निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।
1. (क) गृह विज्ञान है
(i) शुद्ध विज्ञान
(ii) शुद्ध कला
(iii) विज्ञान एवं कला दोनों
(iv) इनमें से कोई नहीं
(ख) गृह-व्यवस्था का वास्तविक उद्देश्य है
(i) कार्यों को कुशलतापूर्वक करना
(ii) भविष्य के लिए बचत करना
(iii) भोजन एवं पोषण का ध्यान रखना
(iv) परिवार के सदस्यों को सुखी एवं सन्तुष्ट रखना।
(ग) बिना पूर्व सूचना के कुछ मेहमान आ जाने पर किए जाने वाले अतिरिक्त कार्यों को कहा जाता है
(i) अनावश्यक कार्य
(ii) थकाने वाली कार्य
(iii) आकस्मिक कार्य
(iv) वार्षिक कार्य
(घ) किसी परिवार द्वारा अपनी आय-व्यय तथा धन-सम्पत्ति के लिए की जाने वाली व्यवस्था को कहते हैं
(i) अनिवार्य व्यवस्था
(ii) पारिवारिक व्यवस्था
(iii) गृह-अर्थव्यवस्था
(iv) अनावश्यक व्यवस्था
2. (क) दैनिक कार्यों से हुई थकान को दूर करने के लिए
(i) कार्य करना चाहिए
(ii) विश्राम करना चाहिए।
(iii) व्यायाम करना चाहिए।
(iv) भोजन करना चाहिए।
(ख) बच्चों को क्षय रोग से बचाने के लिए टीका लगाया जाता है
(i) ट्रिपिल एण्टीजन का
(ii) बी०सी०जी० का
(iii) टिटेनस का
(iv) इन सभी को
(ग) पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि करने वाले कारक हैं 1
(i) औद्योगीकरण
(ii) नगरीकरण
(iii) यातायात के शक्ति-चालित साधन
(iv) ये सभी
(घ) प्रकृति में ऑक्सीजन को सन्तुलन बनाए रखते हैं
(i) मनुष्य
(ii) कीट-पतंगे
(iii) वन्य जीव-जन्तु
(iv) पेड़-पौधे
निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।
3. (क) गृह विज्ञान की एक व्यवस्थित परिभाषा लिखिए।
(ख) किस गृहिणी को कुशल गृहिणी कहेंगे?
(ग) गृह-कार्य व्यवस्था के प्रमुख उद्देश्य बताइए।
(घ) जीवनरक्षक आवश्यकता से आप क्या समझते हैं?
(ङ) चाय का प्रयोग क्यों हानिकारक है?
4. (क) चलती-फिरती डिस्पेन्सरी का क्या महत्त्व है?
(ख) पर्यावरण से क्या आशय है?
(ग) संवातनं क्या है?
(घ) कुकुर खाँसी के लक्षण लिखिए।
(ङ) शुद्ध रेशम की क्या पहचान है?
निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
5. (क) स्पष्ट कीजिए कि गृह विज्ञान परिवार के सभी सदस्यों के लिए महत्त्वपूर्ण है।
अथवा
गृह-व्यवस्था को मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है?
(ख) टिप्पणी लिखिए–गृह-कार्य व्यवस्था में सहायक उपकरण।
अथवा
परिवार के सदस्यों की अभिरुचि का गृह-कार्य व्यवस्था से क्या सम्बन्ध है? स्पष्ट कीजिए।
6. (क) आवश्यकताएँ कितने प्रकार की होती हैं?
अथवा
शारीरिक एवं मानसिक थकान को दूर करने के उपाय बताइए।
(ख) रेडक्रॉस सोसाइटी का क्या महत्त्व है?
अथवा
रेडियोधर्मी प्रदूषण परे संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
7. (क) वायु के कौन-कौन से चार प्रमुख कार्य हैं?
अथवा
अशुद्ध एवं विषैली वायु से हमें क्या-क्या हानियाँ हैं?
(ख) कपड़ा बनाने के लिए किन स्रोतों से तन्तु प्राप्त किए जाते हैं?
अथवा
स्पष्ट कीजिए कि उचित वेशभूषा से व्यक्तित्व में निखार आता है।
निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प का उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।
8. ‘गृह विज्ञान’ से आप क्या समझती हैं? गृह विज्ञान के तत्त्वों का भी उल्लेख कीजिए।
अथवा
गृह-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले गृह-सम्बन्धी कारकों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
9. गृह की सुव्यवस्था के लिए गृहिणी में किन गुणों का होना आवश्यक है? लिखिए।
अथवा
परिवार की मूलभूत आवश्यताओं पर प्रभाव डालने वाले कारक कौन-कौन से हैं? विस्तारपूर्वक समझाइए।
10.स्वास्थ्य से आप क्या समझती हैं? स्वास्थ्य के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लक्षणों का वर्णन कीजिए।
प्रैक्टिस सेट-2
निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।
1. (क) ग्रसनी के बाद भोजन कहाँ जाता है?
(i) आमाशय में
(ii) क्षुद्रान्त्र में
(iii) गृहणी में
(iv) बड़ी आँत में
(ख) विटामिन ‘सी’ की कमी से कौन-सा रोग होता है?
(i) जुकाम
(ii) स्कर्वी
(iii) रिकेट्स
(iv) बेरी-बेरी
(ग) कुपोषण से बचने का उपाय है
(i) सन्तुलित आहार
(ii) पर्याप्त आहार
(iii) मांसाहारी आहार
(iv) शाकाहारी आहार
(घ) दुर्घटनास्थल पर दी जाने वाली: तुरन्त सहायता को कहते हैं
(i) औपचारिक चिकित्सा
(ii) अनावश्यक चिकित्सा
(iii) प्राथमिक चिकित्सा
(iv) कृत्रिम चिकित्सा
2. (क) सामान्य दुर्घटनाएँ घटित होती हैं
(i) दैवी कृपा से
(ii) भाग्यवश
(iii) लापरवाही तथा अज्ञानतावश
(iv) अज्ञात कारणों से
(ख) घरेलू देशज औषधियों के प्रयोग को उपयोगी माना जाता है
(i) आकस्मिक रोगों या दुर्घटनाओं के तुरन्त उपचार के लिए
(ii) इनके प्रयोग से धन एवं समय की बचत होती है।
(iii) दुर्घटना घटित होने पर गृहिणी का मनोबल बना रहता है।
(iv) उपर्युक्त सभी उपयोग एवं लाभ
(ग) हँसली की हड्डी टूट जाने पर बाँधी जाती है
(i) बड़ी झोली
(ii) सेन्ट जॉन झोली
(iii) कॉलर-कफ झोली
(iv) सँकरी झोली।
(घ) परिचारिका को नहीं होना चाहिए
(i) स्वस्थ
(ii) हँसमुख
(iii) दूरदर्शी
(iv) चिड़चिड़ा
निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।
3. (क) पाचन तन्त्र से क्या आशय है?
(ख) सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए क्यों उपयोगी है?
(ग) कॉफी के प्रयोग से क्या हानियाँ हैं?
(घ) कृत्रिम श्वसन कब दिया जाता है?
(ङ) साँप के काटने पर बन्ध क्यों लगाया जाता है?
4. (क) घरेलु देशज औषधियों से क्या आशय है?
(ख) रीफ गाँठ बाँधने से क्या लाभ हैं?
(ग) गृह-परिचारिका किसे कहते हैं?
(घ) आपके विचार से रोगी का कमरा कैसा होना चाहिए?
(ङ) रोगी के लिए बिस्तर का क्या महत्त्व है?
निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
5. (क) जीभ में पायी जाने वाली स्वाद ग्रन्थियाँ कितने प्रकार की होती हैं और उनके क्या कार्य हैं?
अथवा
हरी सब्जियों को खाने के चार लाभ बताइए।
(ख) बहुप्रयोजन आहार से क्या तात्पर्य है?
अथवा
प्राथमिक चिकित्सा की दो विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
6. (क) नाक के रक्तस्राव को रोकने के लिए आप क्या उपाय करेंगी?
अथवा
दो घरेलू दवाइयों के नाम एवं उपयोग बताइए।
(ख) हैजा रोग का उपचार आप किस प्रकार करेंगी?
अथवा
पट्टियाँ बाँधने के सामान्य नियम कौन-से हैं?
7. (क) गृह-परिचारिका का रोगी के लिए क्या महत्त्व है?
अथवा
रोगी के कमरे में प्रकाश-व्यवस्था कैसी होनी चाहिए?
(ख) शय्या घाव के बचाव एवं उपचार के उपायों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
रोगी के बिस्तर की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प को उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।
8. हमारे लिए खनिज-लवण व उनके प्राप्ति स्रोत कौन-कौन से हैं? शरीर में इनकी कमी से क्या हानि होती है?
अथवा
कुपोषण से आप क्या समझती हैं? इससे बचाव के उपाय बताइए।
9. प्राथमिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा उसके सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
जलने व झुलसने में क्या अन्तर है? जलने के विभिन्न प्रकार एवं उनके उपचार बताइए
10. विष कितने प्रकार के होते हैं? विषपान किए व्यक्ति का सामान्य उपचार आप किस प्रकार करेंगी?
प्रैक्टिस सेट-3
निर्देश:
प्रश्न संख्या 1 और 2 बहुविकल्पीय हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों में प्रत्येक के चार-चार वैकल्पिक उत्तर दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनकर उन्हें क्रमवार अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।
1. (क) एक कुशल गृहिणी के लिए आवश्यक है
(i) पाक विज्ञान का उचित ज्ञान
(ii) बच्चों के पालन-पोषण का ज्ञान
(iii) समस्त गृह-कार्यों का ज्ञान
(iv) प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान
(ख) उत्तम कार्य-व्यवस्था के लिए गृहिणी को मिलना चाहिए
(i) पुरस्कार
(ii) प्रोत्साहन
(iii) धन
(iv) कुछ नहीं
(ग) सामान्य स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का तापक्रम होता है
(i) 97°F
(ii) 96°F
(iii) 98.4°F
(iv) 90°F
(घ) औद्योगीकरण तथा नगरीकरण ने बढ़ावा दिया है
(i) पर्यावरण की स्वच्छता को
(ii) पर्यावरण-प्रदूषण को
(iii) पर्यावरण के रख-रखाव को
(iv) इनमें से कोई नहीं
2. (क) क्षय रोग उत्पन्न करने वाले जीवाणु का नाम है
(i) कोरीनीबैक्टीरियम
(ii) माइक्रो बैसिलस ट्यूबरकुलोसिस
(iii) बोडैटेला
(iv) स्ट्रैप्टोकोकस
(ख) भारतवर्ष में प्रायः सूती वस्त्र अधिक पहने जाते हैं, क्योंकि ये
(i) बहुमूल्य होते हैं।
(ii) सहज ही उपलब्ध हैं।
(iii) वातावरण के अनुरूप हैं।
(iv) ऊष्मा के कुचालक हैं।
(ग) ड्रॉ-शीट होती है
(i) एक छोटी सूती चादर
(ii) मोमजामे का टुकड़ा
(iii) रैक्सीन का टुकड़ा
(iv) एक छोटा कम्बल
(घ) सेन्ट जॉन झोली का काम करता है
(i) एक हाथ के सिरे को दूसरे हाथ के सिरे पर रखना
(ii) एक हाथ को सहारा देना।
(iii) दोनों हाथों को सहारा देना
(iv) उपर्युक्त सभी
निर्देश:
प्रश्न संख्या 3 एवं 4 अतिलघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर अधिकतम 25 शब्दों में लिखिए।
3. (क) गृह-कार्य व्यवस्था के लक्ष्यों का उल्लेख कीजिए।
(ख) सिगरेट या शराब पीना कैसी आदत है?
(ग) फर्श पर थूकना क्यों हानिकारक है?
(घ) ध्वनि या शोर की इकाई क्या है?
(ङ) वायु अपने आप में क्या है?
4. (क) शुद्ध रेशम की क्या पहचान है?
(ख) यकृत के कोई दो महत्त्वपूर्ण कार्य बताइए। 1+1
(ग) स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
(घ) धमनी एवं शिरा में क्या अन्तर है? समझाइए। 2
(ङ) गृह-परिचारिका का चिकित्सक के प्रति क्या कर्तव्य है? 2
निर्देश:
प्रश्न संख्या 5 से 7 तक लघु उत्तरीय हैं। प्रत्येक खण्ड का उत्तर लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
5. (क) गृह-व्यवस्था का मनुष्य के जीवन में क्या महत्त्व है?
अथवा
आरामदायक तथा विलासात्मक आवश्यकताओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
(ख) नाक की सफाई का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
अथवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है?
6. (क) जंगलों का जनजीवन में क्या महत्त्व है?
अथवा
वर्षा ऋतु की नमी से हमें क्या हानियाँ हैं?
(ख) उद्भवन अथवा सम्प्राप्ति काल से क्या तात्पर्य है?
अथवा
सूती वस्त्रों की क्या विशेषताएँ हैं?
7. (क) रात्रि-भोज के अवसर पर पहनी जाने वाली वेशभूषा का वर्णन कीजिए।
अथवा
टिप्पणी लिखिए-प्लीहा या तिल्ली।
(ख) सब्जियों को रक्षात्मक पदार्थ क्यों कहा जाता है?
अथवा
जबड़े की पट्टी किस प्रकार बाँधी जाती है?
निर्देश:
प्रश्न संख्या 8 से 10 तक दीर्घ उत्तरीय हैं। प्रश्न संख्या 8 व 9 में विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक प्रश्न के एक ही विकल्प का उत्तर लिखना है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों के अन्तर्गत लिखिए।
9. रोगी का बिस्तर कितने प्रकार का हो सकता है? बिस्तर लगाने की विधि का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए
अथवा
मरहम-पट्टी (ट्रेसिंग) से क्या अभिप्राय है? प्राथमिक चिकित्सा में पट्टियाँ बाँधने के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
9. प्राथमिक चिकित्सक में होने वाले आवश्यक गुणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
दूध को सम्पूर्ण आहार क्यों माना जाता है? इसके प्रमुख तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
10. आमाशय की रचना का वर्णन कीजिए। आमाशय में भोजन का पाचन किस प्रकार होता है? समझाइए।
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