UP Board Class 9 Social Science Geography | भारत का भौतिक स्वरुप
UP Board Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप
भारत का भौतिक स्वरुप
अध्याय 2.
अभ्यास
NCERT प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-
(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो―
(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर―(ख)
(ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त
नाम―
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर―(ख)
(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी―
(क) कोरोमंडल
(ख) कन्नड़
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार
उत्तर―(ख)
(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर―
(क) अनाईमुडी
(ख) महेंद्रगिरि
(ग) कंचनजुंगा
(घ) खासी
उत्तर―(ख)
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए―
(i) भूगर्भीय प्लेटें क्या है?
(ii) आज के कौन-से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?
(iii) ‘भाबर’ क्या है?
(iv) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए।
(v) अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
(vi) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उत्तर― (i) पृथ्वी के भीतर उठती हुई तरंगों द्वारा कई बार पृथ्वी की ऊपरी परत फटकर
टुकड़ों में बँट जाती है जिन्हें भूगर्भीय (Tectonic) या स्थलमण्डलीय (Lithographic) प्लेटें
कहते हैं। ऐसी भूगर्भीय प्लेटें गिनती में सात हैं―
(a) प्रशांत प्लेट
(b) यूरेशियाई प्लेट
(c) अफ्रीकन प्लेट
(d) इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट
(e) उत्तर अमेरिकी प्लेट
(f) दक्षिण अमेरिकी प्लेट
(g) अंटार्कटिका प्लेट
(ii) (a) दक्षिणी अमेरिका, (b) अफ्रीका, (c) ऑस्ट्रेलिया, (d) अंटार्कटिका आदि।
(iii) उच्चावच के आधार पर मैदान के उस भाग को भाबर कहते हैं जो सिन्धु नदी से लेकर
तिस्ता नदी तक शिवालिक पहाड़ियों के गिरिपाद प्रदेश में कंकड़―पत्थरों से निर्मित है और
जो 8 से 16 किमी की एक पेटी के रूप में नदी की धारा के समानान्तर चला गया है।
(iv) तीन प्रमुख पहाड़ियाँ हैं―(a) वृहत् हिमालय, (b) लघुत्तर हिमालय तथा (c) शिवालिक श्रेणी।
(v) अरावली और विंध्याचल पहाड़ियों के बीच मालवा पठार स्थित है।
(vi) पहले इनको लकादीव, मीनीकाय तथा एमीनदीव के नाम से जाना जाता था। 1973 में इनका
नाम लक्षद्वीप रखा गया।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए―
(i) अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें
(ii) बांगर और खादर
(iii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट
उत्तर― (i) पृथ्वी के अन्दर की गर्मी के कारण पिघले हुए शैल पदार्थ धरातल की ओर तेजी से बढ़ते हैं
और पृथ्वी की ऊपरी परत को फाड़कर उसे अनेक बड़े-बड़े टुकड़ों में बाँट देते हैं,
जिन्हें भूगर्भीय प्लेटें कहा जाता है। ये प्लेटें सदा चलायमान रहती हैं चाहे उनकी गति
बहुत धीमी होती है। कहीं-कहीं ये प्लेटें एक-दूसरे से दूर या अलग हो जाती हैं। इन
प्लेटों को अपसारी भूगर्भीय प्लेटें (Divergent Tectonic Plates) कहा जाता है।
इसके विपरीत जब ये प्लेटें एक-दूसरे के निकट आ जाती हैं तो उन्हें अभिसारी भूगर्भीय
प्लेटें (Converging Tectonic Plates) कहते हैं।
(ii) मृदा या मिट्टी की आयु के आधार पर भी कई बार उसकी बाँट खादर और ‘बांगर’ में की
जाती है।
खादर या नवीन जलोढ़क―
(a) इसको नई जलोढ़क मिट्टी कहा जाता है।
(b) इस मृदा में पत्थर के कण या कंकड़ आदि नहीं होते।
(c) यह मिट्टी बाढ़ के मैदानों और डेल्टा क्षेत्रों में मिलती है।
(d) यह अत्यन्त उपजाऊ होती है।
बांगर या प्राचीन जलोढ़क―
(a) इसको प्राचीन जलोढ़ भी कह दिया जाता है।
(b) इस प्राचीन जलोढ़क में कंकड़ों के अतिरिक्त कैल्सियम कार्बोनेट आदि भी होते
हैं।
(c) यह मिट्टी गिरिपाद और घाटियों के ऊपरी भागों में मिलती है।
(d) यह खादर की अपेक्षा कम उपजाऊ होती है।
(iii) पूर्वी घाट दक्षिण भारत के पूर्वी तट के साथ बंगाल की खाड़ी पर स्थित हैं, जबकि पश्चिमी
घाट दक्षिण भारत के पश्चिम में अरब सागर के साथ स्थित हैं।
पूर्वी घाट―ये घाट भारत के पूर्वी तट के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी पर स्थित हैं। इनमें
पहाड़ियाँ इतनी विस्तृत नहीं हैं और बीच-बीच में महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी
आदि नदियाँ अपने डेल्टा बनाती हैं।
पूर्वी घाट और बंगाल की खाड़ी के मध्य स्थित पूर्वी तटीय मैदान (Coastal Plain)
पश्चिमी तटीय मैदान के मुकाबले चौड़ा है। इसकी चौड़ाई कई स्थानों पर 120 किलोमीटर
तक पहुंँच गई है। पश्चिमी तटीय मैदान की अपेक्षा यहाँ वर्षा कुछ कम (100 से 125
सेन्टीमीटर) होती है। पश्चिमी तटीय मैदान में वर्षा गर्मियों में अधिक होती है, जबकि इस
मैदान में वर्षा सर्दियों में अधिक होती है। वैसे गर्मियों में भी कुछ वर्षा अवश्य होती है। इस
मैदान की मिट्टी भी उपजाऊ है, चाहे यह उतनी उपजाऊ नहीं जितनी पश्चिमी तटीय मैदान
की है। इस तटीय मैदान में चावल, मूंगफली, कपास और नारियल आदि की पैदावार होती
है।
पश्चिमी घाट―ये घाट अरब सागर की ओर भारत के पश्चिमी तट पर स्थित हैं। इनमें
सह्याद्रि, अन्नामलाई और काडेमम आदि पहाड़ियाँ सम्मिलित हैं जो निरन्तर पश्चिमी तट के
साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की ओर चली गई हैं। ये पहाड़ियाँ दक्षिण को जाती हुई ऊंँची हो।
जाती हैं और केरल तक पहुंँचते-पहुंँचते दो हजार मीटर से भी ऊँची हो जाती है।
अनाईमुडी, जो केरल में है, समुद्रतल से 2.659 मीटर ऊँचाई पर है। दक्षिणी पठार का ढाल
पूर्व दिशा में है।
पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच पश्चिमी तटीय मैदान (Western Coastal Plain)
स्थित है जो काफी तंग है और कहीं भी यह 64 किलोमीटर से अधिक चौड़ा नहीं। इस
मैदान की मिट्टी बड़ी उपजाऊ है। यहाँ गर्मियों में ग्रीष्म ऋतु की मानसून पवनों द्वारा काफी
वर्षा (कोई 200 सेमी) होती है। जलवायु गर्म और आर्द्र है। चावल, गर्म मसाले, रबड़ और
फल विशेषकर नारियल आदि की उपज बहुत होती है।
प्रश्न 4. बताइए हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था?
उत्तर― भारत की भौगोलिक विशेषताएँ या प्राकृतिक लक्षण अब ऐसे नहीं हैं जैसे वे लाखों
बल्कि करोड़ों वर्ष पहले थे। उनमें बहुत परिवर्तन आ गया है। भूगर्भवेत्ताओं के अनुसार वह
क्षेत्र, जहाँ आज हिमालय पर्वत और उत्तरी मैदान स्थित हैं वहाँ कभी उथला और विशाल
टेथिस (Tethys) नाम का समुद्र था। ये सभी परिवर्तन भू-पृष्ठ के नीचे होने वाली आन्तरिक
हलचलों तथा धरातल पर क्रियाशील बाह्य शक्तियों के कारण आए।
जैसा कि ऊपर बताया गया है पृथ्वी के भीतर उठती हुई तरंगों द्वारा कई बार पृथ्वी के ऊपर की
परत फटकर कई टुकड़ों में बँट जाती है जिन्हें भूगर्भीय प्लेटें या स्थलमण्डलीय प्लेटें कहा जाता है।
ये प्लेटें कुछ स्थानों पर एक-दूसरे से अलग या दूर हो जाती हैं जबकि कहीं-कहीं ये प्लेटें एक-दूसरे
के निकट आ जाती हैं और एक-दूसरे के साथ टकरा जाती हैं। कई बार एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे
घुस जाती है या दूसरी प्लेट के ऊपर चढ़ जाती है। इन भूगर्भीय प्लेटों के आपसी टकराव ने लाखों-करोड़ों
वर्षों में पृथ्वी के उच्चावच (Relief) में कई परिवर्तन लाए हैं।
हिमालय का निर्माण भी लगभग पाँच करोड़ वर्ष पहले इन्हीं प्लेटों के आपसी टकराव का परिणाम है।
ऐसा कहा जाता है कि लगभग पाँच करोड़ वर्ष पूर्व इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट धीरे-धीरे उत्तर की ओर प्रवाहित
हुई और उत्तरी गोलार्द्ध की एक बहुत बड़ी यूरेशियन प्लेट से जा टकराई। इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट का उत्तरी
सिरा यूरेशियन प्लेट के नीचे धंस गया। ऐसे में आपसी टकरावों के परिणामस्वरूप बीच के महासागर, जिसे
टेथिस (Tethys) कहा जाता है कि पर्तदार अवसादी शैलें मुड़तीं और ऊपर को उठती चली गईं। ऐसे में
देखते-ही-देखते हिमालय तथा एशिया की विभिन्न पर्वतमालाओं का निर्माण हो गया।
प्रश्न 5. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा
पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उत्तर― भारत के प्रमुख भौगोलिक या भू-आकृतिक विभाग निम्नलिखित हैं―
प्रायद्वीप
(i) उत्तर की विशाल पर्वतीय दीवार
(ii) विशाल उत्तरी मैदान
(iii) प्रायद्वीपीय भारत का विशाल पठार
(iv) तटीय मैदान
(v) भारतीय द्वीप
हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में अन्तर
प्रश्न 6. भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर― भारत का विशाल उत्तरी मैदान तथा इसके मुख्य लक्षण—विशाल उत्तरी मैदान का
विस्तार पंजाब के मैदान से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र घाटी के पश्चिम तक है। यह मैदान हिमालय पर्वत के
दक्षिण में स्थित है। इस मैदान में गंगा, सिन्धु और सतलुज आदि नदियों द्वारा लाई हुई उपजाऊ जलोढ़
मृदा के अवसाद हैं। ये सभी नदियाँ साल भर बहती हैं और हिमालय पर्वत से निकलती हैं। इस मैदान
की औसत ऊँचाई समुद्रतल से 300 मीटर है। इसका सबसे बड़ा भाग गंगा का मैदान है। इसमें ‘खादर’
और बांगर’ दोनों प्रकार की मृदाएँ हैं। इस मैदान में उपजाऊ जलोढ़ मृदा और समुचित जल-आपूर्ति
के कारण आजीविका-प्राप्ति के साधन अति सुगम हैं। इसी कारण इस क्षेत्र में जनसंख्या-घनत्व भी
बहुत सघन है। इस मैदान का मन्द ढाल पूर्वी दिशा की ओर है। ‘बेट’ अथवा संकीर्ण बाढ़ की भूमि और
‘बांगर’ अथवा विस्तृत मैदान नदियों के मध्य स्थित है। असम में ब्रह्मपुत्र की घाटी विशाल मैदान का
पूर्वी भाग है। यह गंगा के मैदान की अपेक्षा सँकरा है। यह निरन्तर बाढ़ का क्षेत्र है। इस घाटी की ढलान
पूर्व से पश्चिम को है। इस विशाल मैदान के दक्षिण-पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र का डेल्टा स्थित है जो विश्व
का सबसे बड़ा डेल्टा है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए―
(i) मध्य हिमालय,
(ii) मध्य उच्च भूमि
(iii) भारत के द्वीप समूह
उत्तर― (i) मध्य हिमालय―ये पर्वत-श्रेणियाँ वृहत्तर श्रेणी के दक्षिण में स्थित हैं। इन पर्वतों की
औसत ऊँचाई 3,500 से 4,500 मीटर के मध्य है। इन पर्वत-श्रेणियों में अनेक पहाड़ और घाटियाँ हैं।
इस क्षेत्र में नेपाल में काठमांडू की घाटी और भारत में कश्मीर की घाटी सबसे बड़ी घाटियाँ हैं। कश्मीर
में पीर पंजाल श्रेणी भी इसी पर्वत की श्रेणी का एक भाग है।
(ii) प्रायद्वीप पठार के दो मुख्य भाग―प्रायद्वीप पठार भारतीय उप-महाद्वीप का सबसे प्राचीन
भाग है। इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है―एक को मध्यवर्ती उच्च भूमियाँ
(Central Highlands) और दूसरे को दक्षिण का पठार (Deccan Plateau) कहा जाता
है।
मध्यवर्ती उच्च भूमियों की मुख्य विशेषताएँ—यह प्रायद्वीप पठार का उत्तरी भाग है जो
कठोर आग्नेय और कायान्तरित शैलों का बना हुआ है। ये उच्च भूमियाँ काफी विस्तृत क्षेत्र
में फैली हुई हैं। दक्षिण की ओर से विन्ध्याचल पर्वत इन्हें दक्कन (या दक्षिण) के पठार से
अलग करता है। उत्तर में इन उच्चतम भूमियों का फैलाव राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दलित
बिहार तथा मध्य प्रदेश तक फैला हुआ है। मालवा का पठार, बुंदेलखण्ड का पठार,
बघेलखण्ड का पठार और छोटा नागपुर का पठार इन्हीं मध्यवर्ती उच्च भूमियों के ही भाग
हैं।
दक्कन का पठार―यह विशाल प्रायद्वीपीय पठार का दक्षिणी भाग है। इसके उत्तर के
विन्ध्याचल पर्वत, पूर्व में पूर्वी घाट और पश्चिम में पश्चिमी घाट स्थित है। यह पठार त्रिभुज
की आकृति का है। इसकी चौड़ाई उत्तर में सबसे अधिक है जो दक्षिण की ओर जाते हुए
निरन्तर कम होती जाती है। इसके पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण में हिन्द महासागर और
पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
(iii) भारत की मुख्य भूमि के अतिरिक्त भारत में टापुओं की दो शृंखलाएँ हैं―अण्डमान
और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप समूह।
अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह―ये टापू बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं। इनकी कुल
संख्या 233 है। उत्तरी टापुओं का झुण्ड अण्डमान द्वीप समूह कहलाता है, जबकि दक्षिणी
टापुओं का झुण्ड निकोबार द्वीप समूह कहलाता है। अण्डमान द्वीप समूह की संख्या 214 है
जबकि निकोबार द्वीप समूह की संख्या केवल 19 है। बहुत-से टापू छोटे हैं और उन पर
कोई निवास नहीं करता। ये समुद्र की डूबी चोटियों पर स्थित हैं और उनमें कुछ टापुओं की
ज्वालामुखी से उत्पत्ति हुई है। इन टापुओं में एक टापू पर अभी भी लावा निकलता है।
लक्षद्वीप समूह―ये टापू अरब सागर में स्थित हैं और केरल तट से लगभग 300
किलोमीटर की दूरी पर हैं। यह घोड़े की नाल (Horse-Shoe) के आकार में समुद्र में फैले
हुए हैं। ये प्रवाल जैसे अति सूक्ष्म प्राणियों के करोड़ों वर्षों से एकत्र होने वाले अस्थि-पंजरों
से बने हैं इसलिए साधारणतया इन्हें प्रवाल द्वीप (Coral Islands) कह दिया जाता है।
इनकी कुल गिनती 27 है जबकि 17 द्वीपों पर कोई नहीं रहता। इस प्रकार ये द्वीप निकोबार
और अण्डमान द्वीपों के मुकाबले संख्या में कम और विस्तार में छोटे हैं। इन द्वीपों की
राजधानी कवरत्ती (Kawaratti) है, जहाँ हजारों सैलानी प्रतिवर्ष प्रवाल द्वीपों को देखने के
लिए आते हैं।
मानचित्र कार्य
भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाइए―
(i) पर्वत शिखर―के-2, कंचनजुंगा, नंगा पर्वत, अनाईमुडी।
(ii) पठार-शिलांग, छोटानागपुर, मालवा तथा बुंदेलखंडा
(iii) थार मरुस्थल, पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-यमुना दोआब तथा कोरोमंडल तट।
उत्तर―
क्रियाकलाप
• दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दर्रों, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियाँ एवं घाटियों के नाम छुपे हैं।
उन्हें ढूँदिए।
• ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहाँ स्थित है? आप अपनी खोज क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या
विकर्णीय दिशा में कर सकते हैं।
• नोट―पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।
उत्तर―
ऊर्ध्वाधर(Down)
● छोटानागपुर (CHOTANAGPUR)
● अरावली (ARAVALI)
● कोंकण (KONKAN)
● जैन्तिया (JAINTIA)
● मालवा (MALWA)
● नीलगिरी (NILGIRI)
● शिपकी लॉ (SHIPKILA)
● विंध्य (VINDHYA)
● बोम्डी लॉ (BOMDILA)
● सह्याद्रि (SAHYADRI)
● सतपुरा (SATPURA)
क्षैतिज (Across)
● नाथुला (NATHULA)
● कार्डीमोम (CARDEMOM)
● गारो (GARO)
● कंचनजुंगा (KANCHENJUNGA)
● अनाईमुडी (ANAIMUDI)
● एवरेस्ट (EVEREST)
● पाटली (PATLI)
● थार (THAR)
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. भू-पर्पटी की कितनी टैक्टोनिक प्लेटें हैं?
(क) सात
(ख) आठ
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर―(क) सात
प्रश्न 2. सबसे उत्तरी श्रृंखला को किस नाम से जाना जाता है?
(क) हिमाचल
(ख) हिमाद्री
(ग) शिवालिक
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर―(ख) हिमाद्री
प्रश्न 3.सिन्धु एवं सतलुज नदी के बीच के हिमालय के भाग का पारंपरिक नाम क्या था?
(क) असम-हिमालय
(ख) कुमाऊँ-हिमालय
(ग) पंजाब-हिमालय
(घ) पूर्वांचल
उत्तर―(ग) पंजाब-हिमालय
प्रश्न 4. सिन्धु एवं तिस्ता नदी के बीच जमा कंकड़ों की तंग पट्टी जो शिवालिक की ढलान
के समानांतर पाई जाती है, उसे कहा जाता है―
(क) खादर पट्टी
(ख) बांगर पट्टी
(ग) भाबर पट्टी
(घ) तराई पट्टी
उत्तर―(ग) भाबर पट्टी
प्रश्न 5. किस क्षेत्र को खनिजों का भंडार कहा जाता है?
(क) कार्बी एंगलौंग पठार
(ख) छोटानागपुर का पठार
(ग) मालवा का पठार
(घ) दक्कन का पठार
उत्तर―(ख) छोटानागपुर का पठार
प्रश्न 6. भारतीय उपमहाद्वीप का कौन-सा सबसे पुराना भूखण्ड था जो गोंडवाना भूमि
का हिस्सा था?
(क) तटीय मैदान
(ख) भारतीय मरुस्थल
(ग) हिमालय क्षेत्र
(घ) प्रायद्वीपीय पठार
उत्तर―(घ) प्रायद्वीपीय पठार
प्रश्न 7. कुल्लू घाटी किस राज्य में है?
(क) जम्मू-कश्मीर
(ख) हिमाचल प्रदेश
(ग) उत्तराखंड
(घ) राजस्थान
उत्तर―(ख) हिमाचल प्रदेश
प्रश्न 8. कंचनजुंगा किस देश में स्थित है?
(क) नेपाल
(ख) भूटान
(ग) बांग्लादेश
(घ) भारत
उत्तर―(घ) भारत
प्रश्न 9. पिटली द्वीप क्या है जहाँ मनुष्य नहीं रहते और वह किसलिए प्रसिद्ध है?
(क) पक्षी विहार
(ख) वन्य जीवन विहार
(ग) बायो-रिजर्व
(घ) दोनों (क) और (ख)
उत्तर―(क) पक्षी विहार
प्रश्न 10. प्रवाल वलय द्वीप किसे कहते हैं?
(क) चौकोर प्रवाल
(ख) गोलाकार या हॉर्स-शू प्रवाल वलय द्वीप
(ग) तिकोने आकार के प्रवाल
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर―(ख) गोलाकार या हॉर्स-शू प्रवाल वलय द्वीप
प्रश्न 11.धौलागिरि किस देश में स्थित है?
(क) नेपाल
(ख) भारत
(ग) भूटान
(घ) बांग्लादेश
उत्तर―(क) नेपाल
प्रश्न 12.सतलुज और काली नदी के बीच स्थित हिमालय के भाग को क्या कहते हैं?
(क) लघु हिमालय
(ख) महान हिमालय
(ग) शिवालिक
(घ) कुमाऊँ हिमालय
उत्तर―(घ) कुमाऊँ हिमालय
प्रश्न 13.भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील कौन-सी है?
(क) चिल्का
(ख) सांभर
(ग) भीमताल
(घ) वूलर
उत्तर―(क) चिल्का
प्रश्न 14.बरकान का आकार कैसा होता है?
(क) गोल
(ख) चौकोर
(ग) अर्धचंद्राकार
(घ) चतुर्भुजाकार
उत्तर―(ग) अर्धचंद्राकार
प्रश्न15. ग्रेट बैरियर रीफ कहाँ पाई जाती है?
(क) ऑस्ट्रेलिया
(ख) भारत
(ग) बांग्लादेश
(घ) नेपाल
उत्तर―(क) ऑस्ट्रेलिया
प्रश्न16. भारतीय मरुस्थल में पाई जाने वाली एकमात्र नदी कौन-सी है?
(क) तापी
(ख) सतलुज
(ग) माही
(घ) लूनी
उत्तर―(घ) लूनी
प्रश्न17. गहन कृषि किस प्रकार की मृदा पर की जाती है?
(क) कंकड़
(ख) भांगर
(ग) खादर
(घ) भाबर
उत्तर―(ग) खादर
प्रश्न18. प्रायद्वीपीय पठार का काली मिट्टी का क्षेत्र किस नाम से जाना जाता है?
(क) दक्कन ट्रैप
(ख) दक्कन का पठार
(ग) छोटानागपुर का पठार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर―(क) दक्कन ट्रैप
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भूपर्पटी कौन-कौन सी विवर्तनिक प्लेटों से मिलकर बनी है?
उत्तर― भूपर्पटी सात बड़ी विवर्तनिक प्लेटों से मिलकर बनी है―
(i) प्रशांत महासागरीय प्लेट
(ii) उत्तर अमेरिकी प्लेट
(iii) दक्षिण अमेरिकी प्लेट
(iv) यूरेशियन प्लेट
(v) अफ्रीका प्लेट
(vi) इंडो ऑस्ट्रेलियन प्लेट
(vii) अंटार्कटिक प्लेट
प्रश्न 2. गंगा के मैदान का विस्तार कहाँ-कहाँ तक है?
उत्तर― गंगा के मैदान का विस्तार घग्घर तथा तिस्ता नदियों के बीच है। यह उत्तरी भारत के राज्यों
हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड के कुछ भाग तथा पश्चिम बंगाल में फैला है। ब्रह्मपुत्र
का मैदान इसके पश्चिम विशेषकर असम में स्थित है।
प्रश्न 3. प्राकृतिक विभिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को कितने भागों में बाँटा जा
सकता है?
उत्तर― प्राकृतिक विभिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को चार भागों में बाँटा जा सकता है―
(i) भाबर क्षेत्र,
(ii) तराई क्षेत्र,
(iii) बांगर क्षेत्र,
(iv) खादर क्षेत्र।
प्रश्न 4. प्रायद्वीपीय पठार का निर्माण किन शैलों से हुआ है?
उत्तर― प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा
रूपांतरित शैलों से बना है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने एवं अपवाह के कारण बना था।
यही कारण है कि यह प्राचीनतम भूभाग का एक हिस्सा है।
प्रश्न 5. मध्य उच्च भूमि के विस्तार के बारे में वर्णन करें।
उत्तर― यह उच्च भूमि मालवा के पठार के अधिकतर भागों में फैला हुआ है। विंध्य श्रृंखला दक्षिण
में मध्य उच्च भूमि तथा उत्तर पश्चिम में अरावली से घिरी है। पश्चिम में यह धीरे-धीरे राजस्थान के
बलुई तथा पथरीले मरुस्थल से मिल जाता है। इस पठार के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड
तथा बघेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसके और पूर्व के विस्तार को दामोदर नदी द्वारा अपवाहित
छोटानागपुर पठार दर्शाता है।
प्रश्न 6. पूर्वाचल पहाड़ियों के निर्माण तथा विस्तार के बारे में बताइए।
उत्तर― पूर्वांचल पहाड़ियाँ मजबूत बलुआ पत्थरों जो अवसादी शैल है से बनी हैं। ये घने जंगलों से
ढंँकी है तथा अधिकतर समानांतर श्रृंखलाओं एवं घाटियों के रूप में फैली है। पूर्वांचल से पटकाईबूम,
नागा, लुसाई, मिजो तथा मणिपुर पहाड़ियाँ शामिल हैं।
प्रश्न 7. उत्तरी मैदान का निर्माण किस प्रकार हुआ है?
उत्तर― उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों-सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक
नदियों से बना है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिन में जलोढ़ों का निक्षेप
हुआ जिससे इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ है।
प्रश्न 8. प्रायद्वीपीय पठार की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर― प्रायद्वीपीय पठार की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं―
(i) यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है।
(ii) इसके कुछ भागों में काली मृदा पायी जाती है।
(iii) प्रायद्वीपीय पठार असमतल है।
प्रश्न 9. पश्चिमी तटवर्ती मैदान को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर― पश्चिमी तटवर्ती मैदान को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है―
(i) कोंकण तट,
(ii) कन्नड़ का मैदान,
(iii) मालाबार तट।
प्रश्न 10.भारतीय मरुस्थल की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर― भारतीय मरुस्थल की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं―
(i) यह बालू के डिब्बों से ढका एक तरंगित मैदान है।
(ii) इस क्षेत्र में प्रति वर्ष 150 मिमी से भी कम वर्षा होती है।
(iii) इस शुष्क जलवायु वाले क्षेत्र में वनस्पति बहुत कम है।
प्रश्न 11.प्रवाल के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर― प्रवाल पॉलिप्स कम समय तक जीवित रहने वाले सूक्ष्म प्राणी हैं, जो कि समूह में रहते हैं।
इनका विकास छिछले तथा गर्म जल में होता है। इनसे कैल्शियम कार्बोनेट का स्राव होता है। प्रवाल
स्राव एवं प्रवाल अस्थियाँ टीले के रूप में निक्षेपित होती हैं। ये मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं―
(i) प्रवाल रोधिका,
(ii) तटीय प्रवाल भित्ति,
(iii) प्रवाल वलय, द्वीप।
प्रश्न 12.दोआब का अर्थ बताइए।
उत्तर― दोआब का अर्थ है, दो नदियों के बीच का भाग। ‘दोआब’ दो शब्दों से मिलकर बना
है―दो तथा आब अर्थात् पानी।
प्रश्न 13.गोंडवाना भूमि, वितरिकाएँ, दून का अर्थ बताइए।
उत्तर― गोंडवाना भूमि―प्राचीन विशाल महाद्वीप पैजिया का दक्षिणतम भाग है जिसके उत्तरी
भाग में अंगारा भूमि है।
वितरिकाएँ―जब नदी अपने निचले भाग में जाकर गाद के जमा होने के कारण कई धाराओं में
बँट जाती है तो उन्हें वितरिकाएँ कहते हैं।
दून―निम्न हिमाचल एवं शिवालिक के बीच स्थित लंबवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 14.हिमालय भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर― हिमालय का महत्त्व भारत के लिए निम्नलिखित है―
(i) भारत और चीन के बीच एक प्राकृतिक सीमा का निर्माण करता है और हमारे देश की
शत्रुओं से रक्षा करता है।
(ii) भिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ उपलब्ध कराता है।
(iii) हिम से ढकी हुई चोटियाँ पूरे वर्ष पानी उपलब्ध कराने वाले स्रोत का काम करती हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखिए―
(क) हिमालयी पर्वत तथा
(ख) दक्कन का पठार।
उत्तर― (क) हिमालयी पर्वत―हिमालय पर्वत श्रृंखला ऊँचे एवं युवा, नवीन वलित पर्वत हैं जो
भारत की उत्तरी सीमा पर 2400 किमी दूर तक फैली है। इसमें विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर हैं।
इनकी उच्चावच अत्यधिक अनियमित है। इसके कुछ क्षेत्र अत्यधिक ऊँचे पर्वत हैं, जबकि अन्य भागों
में गहरी घाटियाँ हैं। यह पर्वत श्रृंखला पश्चिम-पूर्व दिशा में सिन्धु नदी से ब्रह्मपुत्र की ओर जाती है।
हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची एवं मजबूत बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अर्द्धवृत्त
जैसा आकार बनाता है जो 2400 किमी दूर तक फैली है। इनकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी से
लेकर अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी तक है। हिमालय पर्वतशृंखला अपने देशांतरीय विस्तार में तीन
समानांतर शृंखलाओं से मिलकर बना है―
(i) महान या आंतरिक हिमालय अथवा हिमाद्री
(ii) हिमाचल या निम्न हिमालय
(iii) शिवालिक अथवा बाहरी हिमालय।
(ख) दक्कन का पठार―यह एक तिकोना भूखंड है जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर में
इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की श्रृंखला है जबकि महादेव, कैमूर की पहाड़ियाँ एवं मैकाल शृंखला
इसके पूर्वी विस्तार हैं। दक्कन का पठार पश्चिम में ऊँचा तथा पूर्व में कम ढलान वाला है। इस पठार
का एक भाग उत्तर-पूर्व में भी देखा जाता है जिसे स्थानीय रूप से ‘मेघालय’, ‘कार्बी एंगलौंग पठार’
तथा ‘उत्तर कचार पहाड़ी’ के नाम से जाना जाता है। यह एक भ्रंश के द्वारा छोटानागपुर पठार से अलग
हो गया है। पश्चिम से पूर्व की ओर तीन महत्त्वपूर्ण शृंखलाएँ गारो, खासी तथा जयंतिया हैं। दक्कन के
पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं।
प्रश्न 2. भौगोलिक इकाइयों की मुख्य विशेषताओं के बारे में संक्षिप्त में लिखिए।
उत्तर― भौगोलिक इकाइयों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं―
(i) उत्तर हिमालय की विशाल दीवार―
(क) हिमालय श्रृंखला नवीन वलित पर्वत हैं।
(ख) इनका उच्चावच अत्यधिक अनियमित है।
(ग) इसके कुछ क्षेत्र अत्यधिक ऊँचे पर्वत हैं जबकि अन्य भागों में गहरी घाटियाँ है।
(घ) इस क्षेत्र में मैदानी भाग बहुत सीमित हैं।
(ii) उत्तर के मैदान―
(क) उत्तर के मैदान लगभग समतल हैं और वे एक बड़े क्षेत्र में फैले हुए हैं।
(ख) वे जलोढ़ मृदा से बने हैं।
(iii) प्रायद्वीपीय पठार―
(क) पठारी क्षेत्र बहुत पुरानी स्थलाकृति है जिसका क्षेत्र बहुत विशाल है।
(ख) इस पठार ने अधिक भूगर्भीय हलचल नहीं झेली है।
(iv) भारत के तटीय मैदान और द्वीप समूह―
(क) पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर के किनारों पर तटीय मैदान एक
पट्टी के आकार में फैले हुए हैं।
(ख) भारत के द्वीप समूह दो समूहों में स्थित हैं। अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी दोनों के
दक्षिण में एक-एक ।
प्रश्न 3. हिमालयी पर्वतों का क्षेत्रीय वर्गीकरण क्या है?
उत्तर― हिमालय श्रृंखला पश्चिम से पूर्व की ओर क्षेत्र के आधार पर बाँटी गई है―
(i) सिंधु एवं सतलुज नदी के बीच के हिमालय के भाग को पारंपरिक रूप से पंजाब हिमालय
के नाम से जाना जाता है किन्तु क्षेत्रीय तौर पर इसे क्रमश: कश्मीर और हिमाचल हिमालय
के नाम से जाना जाता है।
(ii) सतलुज और काली नदी के बीच के क्षेत्र को कुमाऊँ हिमालय के नाम से जाना जाता है।
(iii) काली और तिस्ता नदी के बीच का क्षेत्र नेपाल हिमालय के नाम से एवं तिस्ता व दिहांग नदी
के बीच का क्षेत्र असम हिमालय का सीमांकन करती हैं।
(iv) दिहांग महाखड्ड के बाद हिमालय पर्वत तेजी से दक्षिण दिशा में मुड़ता है और भारत की
पूर्वी सीमा के साथ फैल जाता है। इसे पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियों एवं पर्वतों के नाम से जाना
जाता है। पूर्वांचल में पटकाई, नागा, मणिपुर एवं मीजो पहाड़ियाँ शामिल हैं।
प्रश्न 4. उच्चावच विशेषताओं के आधार पर उत्तर के मैदान के विभाजन का वर्णन
कीजिए।
उत्तर― विभिन्न उच्चावच विशेषताओं के आधार पर उत्तर के मैदान को चार क्षेत्रों में बाँटा जा
सकता है―
(i) भाबर क्षेत्र–इन मैदानों का निर्माण तंग पट्टी में कंकड़ों के जमा होने से होता है जो
शिवालिक की ढलान के समानांतर पाई जाती है। इस पट्टी का निर्माण पहाड़ियों से नीचे
उतरते समय विभिन्न नदियों द्वारा किया जाता है। सभी नदियाँ भाबर पट्टी में आकर विलुप्त
हो जाती हैं।
(ii) तराई क्षेत्र―यह क्षेत्र भाबर के बाद आता है और नए जलोढ़ से बना होता है। इस क्षेत्र का
निर्माण नदियों के पुनः प्रकट होने से होता है जिसके कारण नदियाँ नम एवं दलदली क्षेत्र
का निर्माण करती हैं जिसे तराई कहा जाता है। यह क्षेत्र गहन जंगलों वाला एवं जंगली
जानवरों से भरपूर होता है। किन्तु विभाजन के उपरांत पाकिस्तान से आए प्रवासियों के लिए
कृषि योग्य भूमि बनाने हेतु जंगलों को साफ कर दिया गया है।
(iii) बांगर क्षेत्र―इन मैदानों का निर्माण पुरानी जलोढ़ मृदा से होता है। वे नदियों के बाढ़ के मैदानों
के ऊपर स्थित हैं तथा वेदिका जैसी आकृति प्रदर्शित करते हैं। ये मैदान नदी के बेसिन से दूर
पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में चूनेदार निक्षेप पाए जाते हैं जिन्हें स्थानीय भाषा में कंकड़’ कहा जाता
है और यह कम उपजाऊ होती है।
(iv) खादर क्षेत्र―बाढ़ के मैदानों में नए तथा युवा निक्षेपों को खादर कहा जाता है। लगभग
प्रत्येक वर्ष इनका नवीकरण हो जाता है। वे बहुत उर्वर होते हैं तथा गहन कृषि के लिए
आदर्श माने जाते हैं।
प्रश्न 5. प्रवाल पॉलिप्स क्या हैं? इनके बारे में संक्षिप्त में लिखिए।
उत्तर― प्रवाल पॉलिप्स कम समय तक जीवित रहने वाले सूक्ष्म प्राणी हैं, जो समूहों में रहते हैं।
इनका विकास छिछले तथा गर्म जल में होता है। इनसे कैल्शियम कार्बोनेट का स्राव होता है। प्रवाल
स्राव एवं प्रवाल अस्थियाँ टीले के रूप में निक्षेपित होती हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं―
(i) प्रवाल रोधिका,
(ii) तटीय प्रवाल भित्ति,
(iii) प्रवाल वलय द्वीप।
ऑस्ट्रेलिया का ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ प्रवाल रोधिका का अच्छा उदाहरण है। प्रवाल वलय द्वीप गोलाकार
या हार्स शू आकार वाले रोधिका होते हैं।
प्रश्न 6. पश्चिमी एवं पूर्वी तटीय मैदान के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर― पश्चिमी एवं पूर्वी तटीय मैदान के बीच निम्नलिखित अंतर हैं―
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. हिमालय की समानांतर श्रेणियों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर― हिमालय अपने देशांतरीय विस्तार में तीन समानांतर श्रेणियों से मिलकर बना है।
(i) हिमाद्री या महान हिमालय―सबसे उत्तरी भाग में स्थित श्रृंखला को महान या आंतरिक
हिमालय अथवा ‘हिमाद्री’ कहा जाता है। इन श्रेणियों के बीच में बहुत सी घाटियाँ हैं। यह
सबसे अधिक सतत् शृंखला है जिसमें सबसे ऊँचे पर्वत शामिल हैं जिनकी औसत ऊँचाई
6,000 मी है। इसमें सभी प्रमुख हिमालयी चोटियाँ आती हैं। यह पूरा वर्ष बर्फ से ढका रहता
है।
(ii) हिमाचल/निम्न हिमालय―हिमाद्री के दक्षिण में स्थित श्रृंखला हिमालय पर्वत श्रृंखला में
सबसे अधिक असम है और हिमाचल या मध्य या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है।
यह श्रृंखला मुख्यत: अत्यधिक संपीडित कायांतरित चट्टानों से बनी हैं। पीर पंजाल श्रृंखला
सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण श्रृंखला का निर्माण करती है। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण
शृंखलाएँ धौलाधार और महाभारत श्रृंखलाएँ हैं। इसी श्रृंखला में कश्मीर की घाटीत
हिमाचल के कांगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं। इस क्षेत्र को पहाड़ी नगरों
शिमला, नैनीताल, मसूरी, दार्जीलिंग, श्रीनगर एवं कांगड़ा आदि के लिए जाना जाता है।
(iii) शिवालिक/ बाहरी हिमालय―हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा
जाता है। इसका विस्तार 10-50 किमी की चौड़ाई में है और ऊँचाई 900 मी से 1,100 में
के बीच है। यह हिमालय की सबसे कम ऊँचाई की पर्वत श्रृंखला है। ये शृंखलाएँ उत्तर में
स्थित मुख्य हिमालय की श्रृंखलाओं से नदियों द्वारा लायी गयी असंपीडित अवसादों से बन
है। ये घाटियाँ बजरी तथा जलोढ़ की मोटी परत से ढकी हुई हैं। निम्न हिमाचल तथा
शिवालिक के बीच में स्थित लंबवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है। दून इस श्रेणी
की विशेषता है। कुछ प्रसिद्ध दून हैं―देहरादून, कोटलीदून एवं पाटलीदून।
प्रश्न 2. प्रायद्वीपीय पठार का वर्णन कीजिए।
उत्तर― प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा
रूपांतरित शैलों से बना है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने एवं अपवाह के कारण बना था तथा यही कारण
है कि यह प्राचीनतम भूभाग का एक हिस्सा है। इस पठारी भाग में चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं
गोलाकार पहाड़ियाँ हैं। इस पठार के दो मुख्य भाग हैं—’मध्य उच्च भूमि’ तथा ‘दक्कन का पठार’।
पठारी क्षेत्र बहुत पुरानी स्थलाकृति है जिसका क्षेत्र बहुत विशाल है। इस पठार की एक प्रमुख विशेषता
काली मिट्टी है जिसे दक्कन ट्रैप कहा जाता है। इसका उद्गम ज्वालामुखीय है और इसलिए चट्टाने
आग्नेय हैं। पूरा दक्कन का पठार विषुवतीय क्षेत्र में स्थित है। इसमें वर्षा मध्यम होती है। दक्कन ट्रैप
काली लावा मिट्टी से बना है जो कपास की खेती के लिए बहुत लाभदायक है। प्रायद्वीपीय पठार के
पश्चिम एवं उत्तर पश्चिमी छोर पर अरावली पहाड़ियाँ स्थित हैं। ये गुजरात से दिल्ली तक
दक्षिण-पश्चिम-उत्तर-पूर्व दिशा में फैली हुई हैं। नर्मदा नदी जो कि पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है,
प्रायद्वीपीय पठार को दो भागों में बाँटती है―
(i) मध्य उच्च भूमि―नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के
पठार के अधिकतर भागों में फैला है उसे मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है। विंध्य
श्रृंखला दक्षिण में मध्य उच्च भूमि तथा उत्तर-पश्चिम में अरावली से घिरी है।
(ii) दक्कन का पठार―यह एक तिकोना भूखंड है जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। उत्तर
में इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा की श्रृंखला है जबकि महादेव, कैमूर की पहाड़ियाँ एवं
मैकाल शृंखला इसके पूर्वी विस्तार हैं। दक्कन के पठार के पूर्वी एवं पश्चिमी सिरे पर क्रमशः
पूर्वी तथा पश्चिमी घाट स्थित हैं।
प्रश्न 3. तटीय मैदानों पर संक्षिप्त चर्चा करें।
उत्तर― पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर के किनारों पर तटीय मैदान एक पट्टी
के आकार में फैले हुए हैं।
बंगाल की खाड़ी के किनारे मैदान चौड़ा और समतल है। उत्तरी भाग में इसे उत्तरी सिरकार कहा जाता
है जबकि दक्षिणी भाग को कोरोमण्डल तट कहा जाता है। बड़ी नदियाँ जैसे महानदी, गोदावरी, कृष्णा
और कावेरी इस तट पर एक बड़ा डेल्टा बनाती हैं। चिल्का झील (भारत की सबसे बडी नमकीन
पानी की झील जो उड़ीसा (अब ओडिशा) में स्थित है) पूर्वी तट की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है।
तट तीन भागों में बँटा हुआ है―
(i) कोंकण जो कि महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के दक्षिण भाग में फैला हुआ है।
(ii) कर्नाटक में कन्नड़।
(iii) केरल में मालाबार तट।
मानचित्र कौशल
भारत के राजनैतिक रूपरेखा मानचित्र पर निम्नलिखित की स्थिति पता लगाएँ व अंकित
करें―
1. पर्वत शिखर―कामेट, नंदादेवी, नामचा बरुआ
2. दर्रे―बोम्डी लॉ, शिपकी लॉ
3. पहाड़ियाँ―गारो, खासी, जैंतिया, मीजो पहाड़ियाँ
उत्तर―
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