UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 8 ग्राम्यजीवनम्
UP Board Solutions for Class 8 Sanskrit Chapter 8 ग्राम्यजीवनम्
ग्राम्यजीवनम्
शब्दार्था:-कृषीवलाः = किसान, क्षेत्रेषु = खेतों में, वारिणा = जल से, कुल्या = नहर, कर्षन्ति = जोतते है, वपन्ति = बोते है, परितः = चारों ओर, प्रयच्छन्तः = प्रदान करते हुए, शस्यश्यामला = फसलों से हरित, कूजन्ति = कूजते हैं, सम्भूय = एक होकर, सौविध्यम् = सुविधा, सुकरम् = सरल, राजते = सुशोभित होती है।
ग्राम्यजीवनं …………………………………………. सञ्जातः ॥1॥
हिन्दी अंनुवाद-ग्राम्यजीवन सुव्यस्थित होता है। ग्राम में प्रायः सभी स्वस्थ होते हैं। वनों में और नगरों में वैसा जीवन नहीं होता। वस्तुतः ग्राम वन और नगर दोनों के बीच में होते हैं। ग्रामीण लोग प्रायः कृषि करने वाले होते हैं। खेतों के चारों तरफ जल से पूर्ण नालियाँ होती हैं। कृषक खेतों को हलों से जोतते हैं। नहरों के जल से उनको सींचते हैं और बीजों को बोते हैं।
ग्रामों के चारों तरफ फसलों से हरित भूमि होती है। परिश्रमशील ग्रामीण लोग धनधान्य उत्पन्न करते हैं। वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से अब कृषि व्यवसाय लाभप्रद हो गया है।
ग्रामपथिकानां ……………………………………………….. नगरेषु ॥2॥
हिन्दी अनुवाद-गाँव के पथिकों और गोपालकों का संगीत से हृदय प्रसन्न होता है। पेड़ बिना स्वार्थ के फल और छाया देते हैं। गाँव में तोता, हंस, मोर व कोयल आदि पक्षी कूजते हैं। हिरण, गाय, भैंस, बकरी, आदि पशु चरते हैं। गाँव में मनोरंजन कम खर्चीला होते है। धूल-धूसरित बालक विविध खेल खेलते हैं। जीवन की रक्षा के लिए अत्यन्त उपयोगी वायु और जल आदि गाँवों में जितने अधिक मिलते हैं, वैसे नगरों में नहीं।
ग्राम्य-जीवनं ………………………………………………… प्रयलः विधेयः ॥3॥
हिन्दी अनुवाद-ग्राम्य जीवन सदाचार सम्पन्न और धार्मिक होता है। ग्रामवासी मन से निर्मल होते हैं। वहाँ का वातावरण स्वच्छ होता है। प्राचीनकाल में गाँवों में शिक्षालय, चिकित्सालय आदि की वैसी सुविधा नहीं थी, जैसी आज है; तथापि यदि आजकल गाँवों में सारे साधन उपलब्ध हो जाएँ; तो ग्राम्य जीवन इससे – भी सरल और सुखकर होगी। इसके लिए गाँव के निवासियों द्वारा एक होकर प्रयत्न किया जाना चाहिए।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
उच्चारण कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
उत्तर
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) कृषकाः क्षेत्राणि केन कर्षन्ति?
उत्तर
हलेन।
(ख) नि:स्वार्थमेव फलं छायाञ्च के प्रयच्छन्ति?
उत्तर
वृक्षाः।
(ग) ग्रामेषु अल्पव्ययसाध्यं किं भवति?
उत्तर
मनोरञ्जनम्।
(घ) ग्रामनिवासिभिः सम्भूय किं विधेयम्?
उत्तर
प्रयत्न।
प्रश्न 3.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) ग्राम्यजीवनं कीदृशं भवति?
उत्तर
ग्राम्यजीवनं सुव्यवस्थितं भवति।
(ख) क्षेत्रेषु जनाः कदा कार्यं कुर्वन्ति?
उत्तर
क्षेत्रेषु जनाः प्रात:कालात् सायं पर्यंत कार्यं कुर्वन्ति।
(ग) प्राचीनकाले ग्रामेषु केषां सौविध्यं नासीत्?
उत्तर
प्राचीनकाले ग्रामेषु तथाविधं सौविध्यं नासीत्।
(घ) ग्राम्य जीवनं सुकरं कदा भविष्यति?
उत्तर
ग्राम्य जीवनं सुकरं भविष्यति, यदि सकलानि साधनानि उपलब्धानि भवयुः।
प्रश्न 4.
मजूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)
उत्तर
(क) ग्राम्य जीवनं सुव्यवस्थितम् भवति।।
(ख) कृषकाः क्षेत्राणि हेलेन कर्षन्ति।।
(ग) ग्राम शुक-कपोत-मयूर-कोकिलादयः पक्षिणः कुजन्ति।
(घ) परिश्रमशीला: ग्रामीणाः धान्यादिकम् उत्पादयन्ति।
(ङ) वायुजलादिकाः ग्रामेषु प्रचुरं लभ्यन्ते।
प्रश्न 5.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुते (अनुवाद करके).
(क) गाँव में लोग प्रायः स्वस्थ होते हैं।
उत्तर
अनुवाद-ग्रामे प्रायेण सर्वे स्वस्थाः भवन्ति।
(ख) गाँव कृषिप्रधान होता है।
उत्तर
अनुवाद-ग्रामः कृषिप्रधानः भवति।
(ग) किसान खेत की जुताई करता है।
उत्तर
अनुवाद-कृषक: क्षेत्रे कर्षति।..
(घ) किसान अन्न उपजाता है।
उत्तर
अनुवाद-कृषकः अन्नम्, उत्पादयति।
प्रश्न 6.
रेखाङ्कतपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुते (कंरके)
(क) ग्रामे प्रायेण सर्वे स्वस्थाः भवन्ति।
उत्तर
ग्रामे प्रायेण सर्वे कीदृशाः भवन्ति?
(ख) ग्राम परितः शस्यश्यामला धरित्री राजते।
उत्तर
ग्रामं परितः कीदृशी धरित्री राजते?
(ग) धूलधूसरिताः बालकाः विविध क्रीड़ां कुर्वन्ति
उत्तर
धूलधूसरिता: बालकोः किं कुर्वन्ति?
(घ) ग्रामवासिनां मनांसि निर्मलानि भवन्ति।
उत्तर
ग्रामवासिनी मनसे कीशं भवन्ति?
प्रश्न 7.
शुद्धकथनस्य समक्षम् ‘आम’ अशुद्धकथनस्य समक्षम् न’ इति लिखत लिखकर)-
उत्तर
• नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केत’ स्वयं करें। नवमः पाठः
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